मेरा फलक

मेरे फलक की, चांदनी कहूं या आफताब,

सुलगते दिन मे शीतल छाया, खामोश रातों में बहेकती आतिश।


बहार में आई खुश्बू कहूं, या कहूं बारिश के बाद की ठंडक।


मुझे छुपा देने वाला समंदर कहूं इसे, या कहूं मीठे जल की झील। 


गहराई का सुकून कहूं इसे, या सतह की पागल लहर।


नाराजगी में हुई भीगी बिल्ली कहूं, या प्यार में घायल पूरा बयाबान।


खुदा से मिली तकदीर कहूं, या कहूं फितूर मेरा।

अल्फाजो की खुशी है, ये कायनात से जुड़ी है,

नफासत की रानी कहूं इसे, कहूं इख्तियार मेरा।


आंखो का नूर है, है नायाब मोती मेरा।


इसे आशिकी कहूं, या कहूं दीवानगी,

आरजू थी, अब इनायत बन चुकी है।

नज़्म थी, आज अफसाना है।


बेबस हूं, बेखुदी है, फना हूं,

दिल की जुस्तजू थी, आज मेरी रहनुमा है।

इसे महॉबात कहूं, या मुकाम मेरा ख्वाबिदा।।


This will help.

फलक = आसमान

आफताब = धूप

आतिश = आग

बयाबान = wilderness

तक़दीर = किस्मत

फितूर = जुनून

अल्फ़ाज़ = word

कायनात = universe, कुदरत

नफासत = सुंदरता, कोमलता, निर्मलता

इख्तियार = शक्ति 

नायाब = rare

आशिकी = प्रेम

दीवानगी = madness in love

आरजू = इच्छा, कामना

इनायत = blessings

नज़्म = कविता

अफसाना = कहानी

बेबस = helpless

बेखुदी = senselessness

फना = destruction of self for love

जुस्तजू = तलाश

रहनुमा = guide

मुकाम = place

ख्वाबिदा = dreamy

Comments

  1. मस्त 😊😊 । this will help you is a most imp. part 😉

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    1. Indeed. 😹
      જરૂર હતી એની, I understand.

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  2. अदभुत👌👌👌

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  3. This comment has been removed by the author.

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  4. केयूर कहूं या कवि ♥️✌️

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  5. Pyaar ek jung hai,
    Mera dost dabangg hai.

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  6. Finally , Thnx Kela ( you know what I wanna thank for ) 😉😂😂

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